tag:blogger.com,1999:blog-4459327284061162268.post8427936204091085294..comments2023-07-23T04:52:16.477-07:00Comments on अजेय: कुछ कहना चाह्ता हुआ पहाड़अजेयhttp://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4459327284061162268.post-15128330733956775102009-10-18T00:40:12.271-07:002009-10-18T00:40:12.271-07:00अनोनिमस जी, यही अच्छी कविता की पहचान है.
उस का प...अनोनिमस जी, यही अच्छी कविता की पहचान है. <br /><br />उस का पाठ बहुस्तरीय होता है. <br />हर पाठक अपना एक अलग पाठ गढ़ सकता है उसका.<br />कवि सोचा हुआ पाठ बहुत पीछे छूट जाता है. <br />ऐसा कवि के व्यापक अनुभव और बड़े विजन के कारण सम्भव हो पाता है. और सब से बड़ी विडम्बना यह कि ऐसी कविता किसी खूब सूरत सुबह , दुपहर, शाम या आधी रात को अनायास घटित होती है. ज़बरदस्ती नहीं लिखी जा सकती. <br />दूसरी बात, <br />कोई कविता कवि की व्यक्तिगत् सम्पत्ति नहीं होती. प्रत्येक् सहृदय अनुभव के एक अलग तल पर जीता है. जितने अधिक तलों को अपील करे, उतनी सफल कविता. जितने अधिक तलों पर उस के अर्थ खुलें, उतनी बड़ी कविता. कवि तो महज़ एक माध्यम है. लोगों की बात है, लोगों तक पहुंच रही है. शब्दों को बरतने का अधिकार कवि का है, अर्थ खोलने का एकाधिकार पाठक के पास ही रहेगा. इन्ही अलग अलग अर्थों की वजह से कविता समृद्ध होती चलती है. और आप्ने सही कहा है कि कवि को अपने भीतर झांकने के लिए नई खिडकियां भी मिलतीं हैं.... कुल मिला कर यही तो रचना प्रक्रिया है न? <br />तीसरी बात, कोई मुझ से रचनाए मांगे, मेरे पास हों, और इस लिए न दूं कि किसी बेहतर जगह भेजने के लिए बचा कर रखूं, ऐसा आज तक न हुआ. ये मेनेजमेंट मुझ से नहीं निभता.मैंने तो मांगे जाने पर दैनिक अखबारों को भी कविताऎ दीं हैं. हां इस कविता के लिए कवि की पूर्वानुमति ज़रूरी है. ये मेरी कविता नहीं है, उस के अन्दर छुपी बात बेशक मेरी हो....अजेयhttps://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4459327284061162268.post-64200457923280165142009-10-17T20:29:49.411-07:002009-10-17T20:29:49.411-07:00अच्छा है, कोई अच्छी कविता पकड़ कर उसे ऊपर नीचे से इ...अच्छा है, कोई अच्छी कविता पकड़ कर उसे ऊपर नीचे से इस तरह से मापो कि वह कवि की नहीं, तुम्हारी बात कहने लगे ( हो सकता है कि कवि भी कुछ नया पहचान ले अपनी कविता में) फिर भेजो कृत्या के लिए, तो मुझे खुशी होएगी।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4459327284061162268.post-32701318175730092232009-10-13T05:16:38.264-07:002009-10-13T05:16:38.264-07:00sundar kavitaa ji badhaai !!sundar kavitaa ji badhaai !!Murari Pareekhttps://www.blogger.com/profile/16625386303622227470noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4459327284061162268.post-39074245946325441512009-10-13T01:08:17.236-07:002009-10-13T01:08:17.236-07:00sachmuch achchhi kavita hai bhai. aapka chunaw kho...sachmuch achchhi kavita hai bhai. aapka chunaw khoob hai. meri or se anup ji ko badhai aur aapka aabhar.विजय गौड़https://www.blogger.com/profile/01260101554265134489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4459327284061162268.post-32256682025255160332009-10-12T21:47:55.100-07:002009-10-12T21:47:55.100-07:00sunder kriti, aap ka blog nirantar nikhar raha hai...sunder kriti, aap ka blog nirantar nikhar raha hai.badai!लाहुलीhttps://www.blogger.com/profile/09150991341071401906noreply@blogger.com