tag:blogger.com,1999:blog-4459327284061162268.post3171607305138408195..comments2023-07-23T04:52:16.477-07:00Comments on अजेय: तुम ने गहरी खुरच डाली स्वर्ग की धरती.....अजेयhttp://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-4459327284061162268.post-5938581354069155682010-10-29T09:02:30.320-07:002010-10-29T09:02:30.320-07:00अजय जी यूँ ही इधर चली आई थी तो यादवेन्द्र जी की य...अजय जी यूँ ही इधर चली आई थी तो यादवेन्द्र जी की ये बेहतरीन नज्में पढने को मिली ...उव्न्हें बेहतरीन अनुवादक के रूप में तो जानती थी पर स्वंय भी इतना बेहतर लिखते हैं आपज जाना .....<br />आपसे अनुरोध है कृपया सभी ब्लोगों को मेल द्वारा सूचित किया करे नयी पोस्ट की ....<br />ऐसी रचनायें बार बार पढने का जी होता है .....<br />यादवेन्द्र जी आगे भी इन्तजार रहेगा .....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4459327284061162268.post-90852501350450824562010-10-11T08:44:34.241-07:002010-10-11T08:44:34.241-07:00बेहद बड़ी कविताएँ! सर्द उदासी से भरी हुईं !बेहद बड़ी कविताएँ! सर्द उदासी से भरी हुईं !परमेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/07894578838946949457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4459327284061162268.post-11494988997780734052010-10-10T23:30:09.154-07:002010-10-10T23:30:09.154-07:00गहरे उतर जाने को विवश करती कविताएँ !!!गहरे उतर जाने को विवश करती कविताएँ !!!सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4459327284061162268.post-35828683317026703512010-10-09T23:04:08.814-07:002010-10-09T23:04:08.814-07:00सुंदर कबिताएं ..
जिस प्रकार प्रकृति इंसान के आगे ब...सुंदर कबिताएं ..<br />जिस प्रकार प्रकृति इंसान के आगे बेबस है उसी प्रकार प्रकृति के आगे बेबस इंसान ,,,<br />काफी कुछ है महसूस करने को ,,सुनीताhttps://www.blogger.com/profile/03022782234207483616noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4459327284061162268.post-75029146259579816572010-10-09T13:25:22.826-07:002010-10-09T13:25:22.826-07:00किसी लिहाज्दार चोर कि मानिंद कवितायें चुराने का दि...किसी लिहाज्दार चोर कि मानिंद कवितायें चुराने का दिल करता है.<br /><br />बेहतरीन.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4459327284061162268.post-59452172589017349972010-10-09T08:44:02.544-07:002010-10-09T08:44:02.544-07:00बड़ी बेहतरीन कविताऍं है....बड़ी बेहतरीन कविताऍं है....उत्तमराव क्षीरसागरhttps://www.blogger.com/profile/16910353784499813312noreply@blogger.com