
तुम्हारी आंतरिक सुरक्षा कड़ी मे दूसरे पोस्ट के रूप में इरोम शर्मिला ग्वालियर के कवि अशोक कुमार पाण्डेय की विचारोत्तेजक और महत्वपूर्ण एवम चर्चित कविता
कोई नहीं रह
सकता भूखा बारह साल तक
पक्के तौर
पर अफवाह है यह कि एक औरत बारह साल से भूखी है
ऐसे में यह
ज्यादा विश्वसनीय है कि वह औरत मर चुकी है कोई ग्यारह साल और तीन सौ दिन पहले
आप चाहिए तो
देख लीजिए गिनीज बुक आफ वर्ड रिकार्ड
उसमें कहीं
नहीं है उसका नाम
और अगर है
तो फिर उसे भूखे रहने की क्या ज़रूरत?
जो औरतें
कपड़े उतार कर प्रदर्शन कर रही थीं कहाँ है उनकी तस्वीर ?
अरे इस
तस्वीर में तो कुछ नहीं दिखता साफ़-साफ़
एक ही कपड़े
से सबने ढँक ली है अपनी देह
कोई खास
एक्साइटिंग नहीं है यह तो
हाँ उस
कपड़े पर जो लोगो लगा है वह मजेदार है
‘इन्डियन आर्मी रेप अस’ ... कूल!
ये चिंकी
होते ही हैं निम्फोमैनिक....;)
सेना के
खिलाफ कैसे लिख सकता है कोई ऐसा?
वे बार्डर
पर हैं तो चैन से सो रहे हैं हम
जो बार्डर
पर हैं और सेना में नहीं हैं वे कैसे हो सकते हैं सेना से अधिक ज़रूरी
जिन्हें
मारती है सेना वे दुश्मन होते हैं देश के
और देश के
दुश्मन खाएं या मर जाएँ भूखे क्या फर्क पडता है?
ये नाक में
नलियाँ डाले सरकारी पैसे पर मुस्कुरा रही है जो लड़की
वह हो ही
नहीं सकती इस देश की नागरिक
बहुत सारे
काम हैं इस सरकार के पास
यह कम है कि
उसके गाँव तक जाती है सड़क
एक प्राइमरी
स्कूल है सरकारी
और हमारे
जवान दिन रात लगे रहते हैं उनकी सुरक्षा में
और कौन सी
आजादी चाहिए उन्हें और कौन सी सुरक्षा
भारत माँ की
सुरक्षा में ही है सबकी सुरक्षा
जिन्हें
दिक्कत हो चले जाएँ पाकिस्तान...
आप कैसे कर
सकते हैं उसकी तुलना अन्ना से ?
सिर्फ भूखे
रहने से कोई गाँधी हो जाता है क्या?
किस अख़बार
में है उसकी खबर?
किस चैनल पर
देखा उसे लाइव?
मैं तो कहता
हूँ झूठ है यह सब
हो न हो कोई
विदेशी षडयंत्र हमारे देश के खिलाफ
पाकिस्तानी
दुष्प्रचार या चीनी विस्तारवाद की कोई चाल
और मान
लीजिए सच भी है तो बड़े-बड़े देशों में होती रहती हैं ऎसी घटनाएँ छोटी-मोटी
छोड़िये यह
सब...आइये मिलकर लगाते हैं एक बार भारत माता का जयकारा
फिर
शेरांवाली का...पहाडावाली का...जय हनुमान...जय श्री राम!